मध्यप्रदेश के जंगल
अब्दुल बारी अगर जोश-ए-बहारां देखना है,कुछ कुदरत का करिश्मा देखना है,गर देखना है, तुमको छटा निराली,तो प्यारों मध्यप्रदेश के जंगल देखना है। तान कर सर को जहाँ पर्वत खड़े,और शजर … Read More

अब्दुल बारी अगर जोश-ए-बहारां देखना है,कुछ कुदरत का करिश्मा देखना है,गर देखना है, तुमको छटा निराली,तो प्यारों मध्यप्रदेश के जंगल देखना है। तान कर सर को जहाँ पर्वत खड़े,और शजर … Read More
-शाहबाज़ अहमद थोड़ी सी देर में ही मुकद्दर बदल गया,लौटा जो अपने गाँव तो मंज़र बदल गया। न फूल न वो तितलियाँ, न गुल खिला मिला,बस धुएँ की लकीरों का … Read More
रामशंकर पाटिल मैं भी आपकी ही तरह,परमेश्वर का पुत्र हूँ,औरआप ही की तरह,मेरा भी अपना परिवार व समाज है।मुझे भी परमेश्वर नेआपकी संतानों की तरह,जन्म, पालन-पोषण, संवर्धनऔरसंरक्षण की जिम्मेवारी सौंपी … Read More
– कमल चंद्रा प्रकृति रहती निःशब्दकरती रहती वह अपने कामअनवरत बिना रुके और बिना थकेसृष्टि चलती निःशब्दचाँद – सूरज आते जाते नियम सेकौन जगाता कौन सुलातासागर, सरिता चलें निःशब्दज़ब उनको … Read More
धरती का सौंदर्य प्रकृति का सबसे अद्भुत नजारा । हवा, पानी और सूरज ने मिलकर इसका रूप संवारा ।। सागर की ऊँची लहरें भी हम सबके मन को भाती। उठ … Read More
ओ, सतपुड़ा के पर्णपाती वन, वृक्ष तुम्हारे क्यों है उन्मन। परस्पर करते प्रतिस्पर्धा, चाह उनकी छू ले गगन । मैने देखा सतपुड़ा के बीहड़ जंगल, वृक्ष वहाँ के कुछ उच्छृंखल। … Read More