मध्यप्रदेश के जंगल

अब्दुल बारी अगर जोश-ए-बहारां देखना है,कुछ कुदरत का करिश्मा देखना है,गर देखना है, तुमको छटा निराली,तो प्यारों मध्यप्रदेश के जंगल देखना है। तान कर सर को जहाँ पर्वत खड़े,और शजर … Read More

मेरा गांव भी दौड़ के शहरों में मिल गया

-शाहबाज़ अहमद थोड़ी सी देर में ही मुकद्दर बदल गया,लौटा जो अपने गाँव तो मंज़र बदल गया। न फूल न वो तितलियाँ, न गुल खिला मिला,बस धुएँ की लकीरों का … Read More

आग्रह…. एक वृक्ष का

रामशंकर पाटिल मैं भी आपकी ही तरह,परमेश्वर का पुत्र हूँ,औरआप ही की तरह,मेरा भी अपना परिवार व समाज है।मुझे भी परमेश्वर नेआपकी संतानों की तरह,जन्म, पालन-पोषण, संवर्धनऔरसंरक्षण की जिम्मेवारी सौंपी … Read More

प्रकृति रहती निःशब्द

– कमल चंद्रा प्रकृति रहती निःशब्दकरती रहती वह अपने कामअनवरत बिना रुके और बिना थकेसृष्टि चलती निःशब्दचाँद – सूरज आते जाते नियम सेकौन जगाता कौन सुलातासागर, सरिता चलें निःशब्दज़ब उनको … Read More

वन विभाग की कमजोरियाँ और मजबूरियाँ

आर.एन. दूबे वन विभाग तकनीकी विभाग माना जाता है। परन्तु कुछ ऐसे मुद्दे है जिन पर तकनीकी दृष्टि से पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया है। वनों का सीमांकन एवं वनभूमि … Read More

मध्यप्रदेश में वन प्रबंधन का इतिहास

घनश्याम सक्सेना वन विभाग की स्थापना के समय वनसंरक्षक पदनाम जानबूझकर दिया गया था क्योंकि इसमें इस विभाग का बुनियादी कर्तव्य परिलक्षित था” सन् 1860 में कर्नल जी.एफ. पियर्सन (1858-1867) … Read More

कान्हा टाइगर रिजर्व में एक ही दिन तीन बाघों की मौत, वन विभाग में मचा हड़कंप

दो मासूम शावकों को नर बाघ ने मार डाला, मुक्की रेंज में टेरिटोरियल फाइट में वयस्क बाघ की जान गई 2025 में अब तक 40 बाघों की मौत से वन्यजीव … Read More