दुधवा टाइगर रिजर्व में एक सींग वाले दो गैंडे (राइनो) को वन में छोड़ा
27 मार्च 2025, उत्तर प्रदेश वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (HoFF) श्री सुनील चौधरी और प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) श्रीमती अनुराधा वेमुरी के कुशल निर्देशन में दुधवा टाइगर रिजर्व में दो और बड़े एक सींग वाले गैंडों को खुले स्थान पर छोड़ा है। भारत के तराई क्षेत्र में मुक्त रूप से घूमने वाले गैंडों को लाने और उनकी आबादी बढ़ाने के उद्देश्य से गैंडों को स्थानांतरित करने का अभियान 27 मार्च 2025 को सरकारी अधिकारियों, क्षेत्र कार्यकर्ताओं, नेपाल राष्ट्र, असम और उत्तर प्रदेश पशु चिकित्सकों, गैंडा विशेषज्ञों और महावतों के सहयोग से किया गया।
इस अभियान को योजनाबद्ध तरीके से दुधवा टाइगर रिजर्व में 27 वर्ग किलोमीटर के बाड़बंद पुनर्वास क्षेत्र के अंदर चार दशकों से अधिक समय से लगभग 46 गैंडों के बीच से दो गैंडों को स्थानांतरित करना शामिल था, ज्ञात हो कि दो गैंडे विगत वर्ष नवंबर माह में अवमुक्त किए गए थे। उत्तर प्रदेश में गैंडा संरक्षण के तकनीकी साझेदार डब्ल्यू.डब्ल्यू.एफ.-इंडिया ने दुधवा टाइगर रिजर्व में ऐतिहासिक गैंडा स्थानांतरण अभियान में उत्तर प्रदेश वन विभाग का सहयोग किया है।


दुधवा टाईगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर डॉ. राजा मोहन, डिप्टी डायरेक्टर दुधवा डॉ. रेंगाराजू टी और डब्लू. डब्लू. एफ. के तराई हेड डॉ. मुदित गुप्ता के नेतृत्व में के हाथियों और उनके प्रशिक्षित महावतों की मदद से 15 से 20 वर्ष की आयु के एक नर और एक मादा गैंडे की पहचान की गई और उनका पता लगाया गया। इसके बाद विशेषज्ञों की विशेष टीमों ने गैंडों को निश्चेतन करने में मदद की, उन्हें स्थानांतरित किया और उनके स्वास्थ्य मापदंडों की जाँच करने के बाद रेडियो कॉलर लगाकर उन्हें प्राकृतिक आवास में अवमुक्त दिया।