पर्यावरण बचाऐं

धरती का सौंदर्य प्रकृति का सबसे अद्भुत नजारा ।

हवा, पानी और सूरज ने मिलकर

इसका रूप संवारा ।।

सागर की ऊँची लहरें भी हम सबके

मन को भाती।

उठ कर गिरना गिर के उठना हम को

हैं सिखलाती ।।

जब सूरज की स्वर्णिम आभा इस वसुधा पर पड़ती।

फल, फूल, वृक्षों से लदी ये धरती नई

दुल्हन सी लगती।।

बारिश की रिमझिम बूंदों से खिलता चमन ये सारा।

सुंदर छटा देखकर सबका मन हर्षित

हो जाता।।

छोटे छोटे शुभ प्रयासों से ही जीवन

सुंदर बनता।

विपरीत परिस्थितियों से लड़कर ही मानव जीवन खिलता।

नभ में झिलमिल तारामंडल कितना प्यारा।

हम सबके जीवन मे फिर से आशा का दीप जलाता।।

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